में और रानीवाड़ा कोंग्रेश प्रवक्ता ढाकाजी और गणेश जी देवासी एडवोकेट 10/05/15
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Sunday 21 June 2015
सरपंच शादी झलक
सरपंच की शादी समारोह
सरपंच की शादी झलक
सरपंच शादी के फोटो
सरपंच शादी की झलक
सरपंच की शादी की झलक
मेरी शादी की सालगिरा
आज मेरी विवाह पहली वर्षगांठ है, पता नहीं कब और कैसे 1 वर्ष बीत गए...पुरे ऐक वर्ष........!! अपने हमसफ़र के लिए कुछ पंक्तिया जोड़ी है, आपलोगों के समक्ष रखना चाहता हूँ............. )
एक दिन वो आएगी
चुपके चुपके
इतने चुपके से
की न तो होगा रूह को महसूस
न जिस्म को होगी कोई आहट
और हो जायेगा प्यार.....
पर हुआ नहीं ऐसा..
वो आयी जरुर
एक पारंपरिक पारिवारिक अनुमति से
मुहं-दिखाई में
माँ-पापा ने किया पसंद
और फिर मिलने का अवसर मिला पर क्या यार...........!!!!...
पहले नजर में हो पाया प्यार
कहाँ गयी वो सिहरन और कहाँ गए वो ख्वाब ....
मेरे खबाबो में थी कोई अनदेखी अनजानी हूर तभी मिला एक अपने का अपनापन
और उसकी सरल सलाह
सोच को बदलो....
वास्तविकता के धरातल पे उतरो फिर देखना..
याद नहीं फेरों के समय लिए गए वादे
पर फिर भी हूँ में उसका.........
बीते दिन और बीते बहुत सारे बरस कभी हुए झगडे
पर कही "था" प्यार इन सब के बीच
दिल के किसी कोने को था पता
"था" नहीं वो प्यार ''है ''
तब भी था और अब भी है
तभी तो गुजरे ऐक साल इतने बड़े लम्हे लगते हैं दिन चार..
बहुत बार गुस्से में निकला -
क्यूँ आयी तुम मेरे जीवन
पर अंतर्मन??
सोच नहीं पाता
रह नहीं सकता उसके बिन!!
नहीं जानता क्या होता है प्यार
पता नहीं मुझे है भी उससे प्यार... या सिर्फ दिखाता भर हूँ
बारम्बार........
पर जो भी है
वो हर पल .
मेरे संसार
मेरी खुशियाँ
मेरे दर्द
मैं दिख जाती है
बार बार
हर बार...
मेरी हमसफ़र...........
मेरी दुनिया............
भावनाओं की अभिव्यक्ति पर
दिमाग का पहरा है
यकीन करो मेरा प्यार
आज भी उतना ही गहरा है.
एक वर्ष बीत गए
यूँ देखते -देखते
रास्ते तय हुए
गिरते सँभालते .
तुमने जिस दिन खुद को
सपनो को , भावनाओं को ,
उम्मीदों को, आस्थाओं को ,
मुझे सौंप दिया था ..
उसी पल मैं ''कुछ ''से
''बहुत कुछ ''...हुआ था .
तुम साथ रहना..
मैं सब संभाल लूँगा ..
आज फिर वादा है ..
कोई सपना टूटने ना दूँगा..
तुम्हारा विश्वास आज तक
रंग ले आया है,
ज़िंदगी ने चाहे हमें
जितना आजमाया है ...
तुमने हर हाल मैं साथ निभाया है ..
गीतू......
आज फिर तुमपर
ढेरों प्यार आया है...!!!!
ढेरों प्यार आया है...!!!!
जीवन के अंतिम चरणों तक जो साथ हमारा निभाता हैं--
जीवन -साथी वही कहलाता हैं !
सात जन्मो के इस रिश्ते को ,
सजनी तुमने नाम दिया !
मेरी हर अनदेखी गलती को .
सजनी तुमने मान दिया ---!
राजा मुझको बनाकर अपनी ,
ममता का सौभाग्य दिया --!
हर पल मेरे तन के सुख पर,
अपना जीवन तार दिया --!
मुझसे शुरू होती हैं उनके जीवन की हर खुशियाँ !
मुझ पर ही ख़त्म होती हैं उनकी इच्छा और रंगीनियाँ !
ऐसे जीवन साथी को रब ने मुझ पर वार दिया --!
दुनियां की हर रस्म निभाकर ,
जब उनसे नाता जोड़ा था ,
क्या पता था जीवन के इस अग्नि -पथ पर --
संग -संग चलना मुश्किल होगा ,
अंगारों से भरी जमीं होगी ,
और झुलसता आसमान होगा,
पर, तुम्हारे साथ ने प्रियतम सजनी हर मुश्किल को आसान किया --!
अंतिम इच्छा हैं रब से ---
उनका हरदम साथ मिले ...
हर जन्म में वो ही हो सजनी मिले
ऐसा मुझको वरदान मिले ......!
Happy Anniversary my love गीतू
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आज हमारे शादी की सालगिरह है, आप सबके शुभकामनाओं की जरूरत है
(वसनाराम देवासी करवाड़ा)